01 August 2019

धान्य हो! गीता जी आपकी महिमा अपरम्पार है!

सबसे पहले हम गीता जैन जी को दिल कि गहराईयों से धन्यवाद देना चाहेंगे की उन्होंने तीन तलाक़ बिल पास होने पर मुस्लिम महिलाओं के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए उन्हें बधाइयां दी वरना मुस्लिम महिलाओं की इस ऐतिहासिक जीत का जश्न अधूरा अधूरा सा लगने लगता। हाँ ये बात और की गीता जैन जी को इस्लामिक शरीयत और मुस्लिम समाज के तीन तलाक़ की प्रथा के बारे में कितनी जानकारी होगी? यह तो संशोधन का विषय हो सकता है लेकिन यह संशोधन हम बाद में करेंगे; पहले आज हम बात करेंगे गीता जैन जी के एक महिला होने के नाते उनकी महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता के बारे में! कल जो उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक़ बिल पास होने पर बधाइयां तो दी लेकिन उन्नाव में एक बेटी पर हुए अत्याचार पर आजतक एक शब्द भी नहीं कहा। तो अब सवाल उठता है एक जागरूक महिला होने के नाते महिलाओं के प्रति अपनी सहानुभूति और संवेदनशीलता राजनैतिक नफ़ा-नुकसान की मोहताज़ हो कैसे सकती है?
गीता जैन जी जरा आपको अवगत करा दें की, उत्तर प्रदेश में भाजपा के उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर ने एक मासूम नाबालिग बेटी साथ चार जून, 2017 को अपने आवास पर दुष्कर्म किया, जहां वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने के लिए गई थी। उसने खुद तो बलात्कार किया ही साथ ही औरों से भी करवाया और उसके बाद में जिस तरह से उसके परिवार को बर्बाद किया गया और इस मामले में यूपी सरकार की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए और आगे जो कुछ भी हुआ वो पूरा देश जानता है उम्मीद है की आप भी जानती ही होंगी। तो मुद्दे की बात यह है की इतनी दर्दनाक घटना हुई पुरे देशभर में हंगामा हुआ, विरोध जताया गया लेकिन हमें अच्छी तरह याद है की पिछले डेढ़ साल के इस घटनाक्रम में एक संवेदनशील महिला होने के नाते आपने इस घटना पर ना तो कभी अपना विरोध दर्शाया और ना ही कभी उस पीड़ित बेटी और उसके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। आखिर क्यों? गीता जी? क्या सिर्फ इसलिए की इस मामले का आरोपी आपकी पार्टी का विधायक है? क्या सिर्फ इसलिए की अगर आप विरोध दर्शाती तो इससे भाजपा के आलाकमान आपके प्रति नाराज हो जाते? या फिर इसलिए की इससे 145 विधानसभा क्षेत्र के लिए आपके विधायकी के टिकट पाने के प्रयासों को चोट पहुंचती? 
तो सवाल यह उठता है की क्या एक जागरूक महिला की महिलाओं के प्रति संवेदनाएं भी राजनैतिक नफा-नुकसान की मोहताज हो सकती है? चलिए इस बात के लिए सिर्फ आपको दोष ना देकर हम पुरे देशभर की भाजपा नेत्रियों की बात करें तो जिस पार्टी का "बेटी बचाओ! बेटी पढ़ाओ!" का नारा है उस पार्टी के किसी भी महिला नेत्रियों ने इस घटना पर ना तो रोष व्यक्त किया और ना ही इस घटना पर आरोपी विधायक के प्रति अपना विरोध प्रदर्शित किया। और अब जब देश की दोनों सर्वोच्च सदनों में तीन तलाक़ बिल पास हुआ है तो अपनी प्रतिमा चमकाने के लिए सोशल मिडिया पर झूठ्ठे ही मुस्लिम महिलाओं हिमायती बनाकर उन्हें बधाइयां दी जा रही है? आखिर कोई इंसान इतना असंवेदनशील कैसे हो सकता है गीता जी? राजनीति अपनी जगह है लेकिन एक इंसान होने के नाते और एक जागरूक भारतीय होने के नाते देशभर में होनेवाले किसी भी अमानवीय कृत्य पर अपना विरोध जताना हर एक भारतीय का कर्तव्य है तभी हम ये दिखा पाएंगे की हर भारतीय हमारे परिवार का हिस्सा है लेकिन अगर किसी भी आपराधिक घटना को या किसी मजलूम पर हुए अत्याचार की घटनाओं को भी अगर हम राजनैतिक नफ़े-नुकसान के ताराजू में तौलकर देखने लगेंगे तो हमारा व्यक्तिमत्व बहुत ही हलका नज़र आएगा।  
गीता जैन जी आप मीरा-भाइंदर शहर की राजनीति में एक उम्मीद की किरण नज़र आती हैं। जनता को आपसे बहुत सी उम्मीदें है साथ ही जनता यह भी चाहती है की आप एक निष्पक्ष और निडर राजनीतिज्ञ बनकर उभरेंगी और ना सिर्फ़ मीरा -भाइंदर की बल्कि देश की हर घटना पर आप अपनी पैनी नजर रखते हुए उसपर अपनी बेबाक़ राय रखेंगी। आशा करते हैं की आप अपनी संवेदनशीलता को गन्दी राजनीति की छाया से दूर ही रखेंगी। 
आपको आपके राजनैतिक भविष्य के लिए फिर एकबार हार्दिक शुभकामनाएं !!!
कृपया अन्यथा ना लें ! धन्यवाद !


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